hasya vyang
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यही इंसाफ है जग का ……………
करे कोई भरे कोई यही इंसाफ है रब का
लगा के हर जुगत परेशान है इन्सान इस जग का
करे कोई धरम अच्छा ,करे कोई करम अच्छा
मगर होता वही है जो फरमान है रब का ,
करे कोई ………………………………………
यही है वो धरा जन्मे जहा भगवान भी आकर ,
यही शैतान भी जन्मे किया हर जुल्म इंसान पर,
यहीं है पुण्य की नगरी यहीं है पाप की नगरी,
हर कर्म होता यहीं हिसाब है सबका ,
करे कोई ……………………………………….
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